बेबी गुल्लू उर्फ़ लवनींत ने तुम्हारी पाँखी जो लाइफ ओके पर हर सोमवार से शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे प्रकाशित हो रहा है नाटक मे छुटकी का किरदार बड़ी ही मासूमियत से निभाया, डायरेक्टर / एक्टर रमेश राजपूत और कोरिओग्राफर कुलविंदर कौर(जो पाकीज़ा एक्टिंग एकेडेमी मुंबई मीरा रोड मे चलाती है ) की टेलेंट से भरपूर बेबी लवनींत मे वो सब कुछ है जो एक अदाकारा मे होता है ,जब वो शोट दे रही होतीं है तो लगता ही नहीं है कि कोई ६-७ साल की चाइल्ड आर्टिस्ट है बल्कि उसके अन्दर आने वाले सालो की कोई बड़ी अदाकारा छुपी हुयी है
कई साल पहले राजकपूर साहब ने एक बड़ी अदाकारा बनने की भविष्य वाणी की थीं जब करिष्मा कपूर जब कुछ इसी उम्र मे थी ,
किसी कवि महोदय कि वो पंकतिया याद आती है कि"'होंनहार बिरबान के होत चीकने पात"
एल्लोरा सिल्क मिल मे जहा अक्सर दिया-बाती और डोली अरमानो कि भीं शूटिंग चल रहीं थीं तो मौका मिला तुम्हारी पाखी के शूट पर इक्बाल खान (अंशुमान ),श्रद्धा (पाखी)और बेबी लवनीत(छुटकी) जो रुठी हुयीं पांखी को मनाने आये अंशुमान फ़ूफ़ा सां की तरह- तरह के आइडिआस देकर पूरी मदद करती है ,कोई मंझे हुये कलाकार कि तरह "मुझे बच्चा बोलते है कैसे -कैसे समझाऊँ कुछ नहीं समझते ओफ्फो "शॉट कट करतें है डायरेक्टर अमित ज़ी और तालियोँ की बौछार हो जाती है कि कोई इतनी छोटी सी नन्ही कलाकार बड़ोँ को टक्कर दे रही है इसे गॉड गिफ्ट कहे या परवरिश ब महौल का असर् जो भई हो हमेँ तो आने वाले वक्त की एक चमकती हीरोइन दिखाई दे रही है।
बेबी गुल्लू उर्फ़ लवनींत ने तुम्हारी पाँखी जो लाइफ ओके पर हर सोमवार से शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे प्रकाशित हो रहा है नाटक मे छुटकी का किरदार बड़ी ही मासूमियत से निभाया, डायरेक्टर / एक्टर रमेश राजपूत और कोरिओग्राफर कुलविंदर कौर(जो पाकीज़ा एक्टिंग एकेडेमी मुंबई मीरा रोड मे चलाती है ) की टेलेंट से भरपूर बेबी लवनींत मे वो सब कुछ है जो एक अदाकारा मे होता है ,जब वो शोट दे रही होतीं है तो लगता ही नहीं है कि कोई ६-७ साल की चाइल्ड आर्टिस्ट है बल्कि उसके अन्दर आने वाले सालो की कोई बड़ी अदाकारा छुपी हुयी है
ReplyDeleteकई साल पहले राजकपूर साहब ने एक बड़ी अदाकारा बनने की भविष्य वाणी की थीं जब करिष्मा कपूर जब कुछ इसी उम्र मे थी ,
किसी कवि महोदय कि वो पंकतिया याद आती है कि"'होंनहार बिरबान के होत चीकने पात"
एल्लोरा सिल्क मिल मे जहा अक्सर दिया-बाती और डोली अरमानो कि भीं शूटिंग चल रहीं थीं तो मौका मिला तुम्हारी पाखी के शूट पर इक्बाल खान (अंशुमान ),श्रद्धा (पाखी)और बेबी लवनीत(छुटकी) जो रुठी हुयीं पांखी को मनाने आये अंशुमान फ़ूफ़ा सां की तरह- तरह के आइडिआस देकर पूरी मदद करती है ,कोई मंझे हुये कलाकार कि तरह "मुझे बच्चा बोलते है कैसे -कैसे समझाऊँ कुछ नहीं समझते ओफ्फो "शॉट कट करतें है डायरेक्टर अमित ज़ी और तालियोँ की बौछार हो जाती है कि कोई इतनी छोटी सी नन्ही कलाकार बड़ोँ को टक्कर दे रही है इसे गॉड गिफ्ट कहे या परवरिश ब महौल का असर् जो भई हो हमेँ तो आने वाले वक्त की एक चमकती हीरोइन दिखाई दे रही है।